यूपी की आबकारी नीति को अन्य राज्यों में लागू किये जाने पर होगा विचार : गोयल

यूपी की आबकारी नीति को अन्य राज्यों में लागू किये जाने पर होगा विचार : गोयल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति को अनुकरणीय बताते हुये केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जल्द ही देश के सभी राज्यों के आबकारी आयुक्तों के साथ बैठक कर यूपी की लिकर पॉलिसी को अन्य राज्यों में लागू करने के बारे में विचार विमर्श किया जायेगा।

यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के अंतिम दिन रविवार को ‘आबकारी और चीनी उद्योग में अवसर’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और गृहमंत्री की सलाह पर भूमाफिया और लिकर माफिया पर रोक लगाकर उत्तर प्रदेश के विकास की नीव रखी थी। नतीजन, पिछले छह वर्षों में कोविड के बावजूद भी उत्तर प्रदेश का एक्साइज कलेक्शन 14 हजार 500 करोड़ रुपए से बढक़र 42 हजार 500 करोड़ रूपये हो गया। उत्तर प्रदेश की लिकर पॉलिसी में 30 दिनों में लाइसेंस मिलने का प्रावधान है। वह जल्द ही सभी राज्यों की एक्साइज कमिश्नर के साथ बैठकर उत्तर प्रदेश की पॉलिसी को अन्य राज्यों में लागू करने के लिए बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब तक व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट नहीं होते तब तक मंत्रियों को जनता से वादे नही करने देते। प्रधानमंत्री संघीय ढांचों में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करते है।

गोयल ने कहा कि पिछले दो साल जिस तरह से पूरे विश्व से बड़ी संख्या में निवेशक उत्तर प्रदेश की तरफ रुख कर रहे है वो इस बात का प्रमाण है कि निवेशकों का भरोसा सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार में ही नही बल्कि यहां की जनता में भी है। उन्होंने कहा  मैं योगी जी को तकनीक और बाजार की खोज के लिए भारत के बाहर दल भेजने के लिए कहूंगा।
उन्होने कहा कि जिस तरह से देश में स्टार्ट अप का कल्चर बढ़ा है जिससे लिथियम संकट और अन्य समस्याओं का समाधान देश के युवाओं के। माध्यम से हो रहा है। पिछले छह वर्षों में देश में स्टार्टअप की संख्या 8277 हो गई है। उत्तर प्रदेश में विकास की लहर तेज गति से आगे बढ़ रही है। अब यूपी को आगे बढऩे से रोक नहीं सकता।

गोयल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लोग अब वाइन के लिए भारत पर निर्भर है। विदेशियों को भारत में बनी वाइन बहुत पसंद आ रही है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंगूर के अलावा भारत आज 27 फलों से लिकर और वाइन बना रह है।

Samachaar India

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